हैरतअंगेज़ खबर है।
उत्तराखंड की जेलों से 500 से ज़्यादा कैदी पिछले तीन सालों से फ़रार हैं। ये फ़रारी कहाँ काटी जा रही है किसी को ख़बर नहीं। कोरोनाकाल में इन कैदियों को पैरोल और अंतरिम ज़मानत पर छोड़ा गया था लेकिन ये आज तक नहीं लौटे। जिला प्रशासन, पुलिस जेल और शासन, सभी इन कैदियों को भूल चुके थे, जब पिछले दिनों मामला प्रकाश में आया तब जाकर इनको वापस लाने की कसरत शुरू हुई है। ये घटना पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा करती है।