नेत्रदान पखवाड़े में आज मरीज जागरुकता एवं छात्रों को जागरुक करने का कार्यक्रम………

नेत्रदान पखवाड़े में आज दिनाँक 4.09.2024 को मरीज जागरुकता एवं छात्रों को जागरुक करने का कार्यक्रम रखा गया . इस की शुरुवात प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर शांति पांडे ने नेत्रदान के महत्व को बटाया |
ये दान मरने के बाद किया जाता है | एक आंख से 2 लोगों के जीवन मे रोशनी फैला सकते हैं |
प्राचार्य प्रोफेसर ( डॉ. ) गीता जैन ने इस दान के महत्व को एक example से समझाया की एक आदमी सड़क पर बिना आँखों के चल रहा है और सामने 2 डेथ होती है. एक तरफ अंतिम संस्कार कर देते है | एक मारीज लोगों के जीवन मे सहायक होता है ( 2 लोगों को किडनी; एक मारीज को दिल; एक मरीज़ को Liver; 2 मरीज़ को Lung ; एवं 4 लोगों की आँखों में रोशनी दी |
प्रोफेसर ( डॉ. ) सुशील ओझा ने पखवाड़े में मरने के बाद जागरुकता की कमी के कारण Corneal Transplant का backlogs हर साल बढ़ रहा है |
20000 transplant हो रहे है जबकि जरूरत 2 लाख की है |
जबकि हर माह लाखो में deaths होते है |
कार्यक्रम में छात्रों में एक नेत्रदान जागरुकता का नाटक भी किया | छात्रों ने पोस्टर भी बनाए जिनमे से पहले तीन लोगों को सर्टिफिकेट भी दिए गए |
इस कार्यक्रम में डॉक्टर हिमानी पाल;
डॉक्टर नीरज सरस्वत ; डॉक्टर दुष्यंत उपाध्याय; सहायक प्रोफेसर उपस्थित रहे |

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