देहरादून
भूमि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वे न केवल एक कुशल प्रशासक हैं, बल्कि सनातन धर्म के सच्चे रक्षक भी हैं। कांवड़ यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजन से ठीक पहले मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशभर में सक्रिय ढोंगी, फर्जी और छद्म भेषधारियों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन कालनेमि शुरू करने के निर्देश देकर अपनी धर्मरक्षक छवि को और भी मजबूत कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि धार्मिक भेष में जनता को ठगने वाले, विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाने वाले फर्जी साधु-संतों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड में हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ पहाड़ी जनपदों में पहुंचते हैं। इस दौरान कुछ छद्म भेषधारी धार्मिक चोगा पहनकर आम जनता को ठगने का कार्य करते हैं। जिससे धार्मिक भावनाएं सीधे तौर पर आहत होती हैं। ऐसे में सीएम धामी का “ऑपरेशन कालनेमि” धर्म के प्रति विश्वास को मजबूत करता है। सीएम धामी का साफ तौर पर कहना है कि आस्था और सुरक्षा दोनों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, और इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा “जिस प्रकार त्रेता युग में असुर ‘कालनेमि’ ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में अनेक कालनेमि सक्रिय हैं। ऐसे छद्म भेषधारियों को उजागर कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”